Saturday, May 26, 2018

Meditation

ध्यान क्या है ? 

ध्यान के फायदे ?

ध्यान मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग है | मन की एकाग्रता को ही ध्यान कहते है | ध्यान अपने मन को बस में करने की कला है | ध्यान उस टॉर्च लाइट की तरह हे जो लाइट की किरणे एकत्रित करके एक जगह फोकस करता है और फलस्वरूप बल्ब की तरह अन्धकार को मिटाने वाली रोशिनी प्रदान करता है | लोग इस संसार में सुख की तलाश करते है | सुख की तलाश में यहाँ वह भटकते रहते है दुनियां में अनेका अनेक प्रयास करते है सुखी रहने के लये किन्तु परन्तु इस संसार में कही सुख की प्राप्ति नहीं होती लेकिन यह सुख मानव को ध्यान करने से प्राप्त होती है | ध्यान समुद्र की उस शांत लहरों की तरह है,जिस प्रकार समुद्र शान्त रहता है उसी प्रकार मानव मन भी शान्त रहना चाहिए | यदि समुद्र अशांत हो जाये तो समुद्र में सुनामी उठती है और तबाही मचा देती है इसी प्रकार मानव मन अशांत हो तो मानव जीवन में तबाही मचा देती है | इसीलिए मन को शान्त करने के लिए हमें ध्यान की आवश्यकता होती है |

सिद्ध पुरुषों में बाहरी सुख भोगने की कामना नहीं होती वह ध्यान के माध्यम से अपने अंदर ही सुख प्राप्त कर लेते है | बाह्य सुख से मानव कुछ समय प्रसन्न्ता प्राप्त कर सकते है,लेकिन आतंरिक सुख की प्राप्ति से मानव हमेशा प्रसन्न रहता है | और आतंरिक सुख प्राप्त करने का एक ही माध्यम है वह ध्यान है |ध्यान करने की छमता किसी में कम तो किसी में ज्यादा भी होती है | वह मानव के अभ्यास में निर्भर करता है,जैसे किसी आम आदमी से कई गुना ध्यान करने की शक्ति सिद्ध पुरुषों,संतों में होती यह नियमित ध्यान करने का ही परिणाम है |
ध्यानाधीनं जगत सर्व ,मन्त्राधीनं च देवता 
तद ध्यान मन्त्रं मानवाधिनं, तस्माद मानव देवता | 

इस मंत्र का अर्थ इस प्रकार है :-
सारा जगत ध्यान के अधीन है,सभी देवता मन्त्रों के अधीन में है और यह मंत्र और ध्यान मानव के अधीन है इसीलिए मानव ही देवता है | जो मनुष्य नित्य ध्यान करते है उन्हें इस मंत्र में देवता का दर्जा दिया गया है | आइए जानते है महा पुरुषों की ध्यान के ऊपर क्या धारणाएं  है :- 
१. स्वयं के साथ होना ध्यान  है | 
                                 Osho The Dhammapada: The Way of the Buddha, Vol. 06
२. सारी शिक्षा ब्यर्थ है ,सारे उपदेश ब्यर्थ है,अगर वह तुम्हे अपने अंदर डूबने की कला नहीं शिखाती | 
                                                                       Gautam Buddha

ध्यान करने के फायदे :-

ध्यान से मन में होने वाले अस्थिरता को नियंत्रण किया जा सकता  है |
दोस्तों हमारे मन में विभिन्न प्रकार के विचार उत्पन्न होते रहते है चाहे वह अच्छे हो या बुरे | इसका कारण  मन है जो की बहुत चंचल है | आप कोई काम करने की कल्पना करते है और अगले ही पल आपका उस काम से मन हट कर दूसरे काम की तरफ चला जाता है| ऐसा इसलिए होता है क्यों की आपका का मन स्थिर नहीं है | लोग कुछ अच्छा होता है तो बहुत खुश होते है और कुछ बुरा होने पर बहुत परेशान रहते है यह मन की अस्थिरता के कारण ही है जो नियमित रूप से ध्यान करते है वो अच्छा,बुरा,सुख व दुःख सभी स्थिति में एक जैसा ही व्यवहार करते है | 
मानशिक कमजोरी एवं भूलने की समस्या से मुक्ति मिलती है | 
नित्य ध्यान व Meditation करने वाले व्यक्तियों की स्मरण शक्ति कमाल की होती है | और यह भी सत्य है की ध्यान से मानशिक कमजोरी व भूलने की बीमारी सही हो जाती  है | मानशिक कमजोरी तनाव व डिप्रेशन से होती है | इस को नियंत्रण करने का एक मात्र उपाय है ध्यान करना क्यों की जब हम ध्यान करते है तो तनाव मुक्त हो जाते है |
मानशिक तनाव,चिंता एवं भय से मुक्ति मिलती  है | 
तनाव जिसे हम डिप्रेशन भी कहते है | एक ऐसी बीमारी है जिसमें इन्सान उदासी,भय,हिन भवना का शिकार होता है | ऐसे अवस्था में इंसान को अपने मनचाहे काम में रूचि न होना,मूड ख़राब रहना,बेचैनी महसूस करना,नींद न आना जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है | बहुत सारे रिसर्च से यही पता चला है की डिप्रेशन,तनाव जैसे बिमारियों का ध्यान के माध्यम से आसानी से इलाज हो सकता है | ध्यान तनाव में उतना ही असरदार है जितना लोग तनाव मुक्त होने के लिए नशीली चीज़ो का प्रयोग करते है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है की नशीली चीज़ो के प्रयोग से लोग थोड़े देर के लिए तनाव मुक्त हो सकते है जबकि ध्यान के माध्यम से लोग हमेसा तनाव मुक्त रहते है |  
ध्यान से क्रोध पर नियंत्रण किया जा सकता है | 
क्रोध नहीं करना चाहिए यह तो सब जानते ही है | और बचपन से भी यही शिखते आ रहे है की क्रोध करना गलत है क्रोध नहीं करना चाहिए लेकिन दोस्तों जब क्रोध आता है तो फिर इन सब बातों का कोई मतलब नहीं रह जाता | आप चाहे अपने आप को कितना भी समझाए लेकिन क्रोध से नहीं बच पाते | लेकिन क्रोध पर विजय पाया जा सकता है और यह सिर्फ ध्यान (Meditation) से ही संभव है | ध्यान आप को शहनशील व शांत बनता है | जिसके फलस्वरूप क्रोध आप में हाबि नहीं हो सकता|    
मित्रों, अगले ब्लॉग में हम ध्यान के प्रकार वह इसको करने की विधि के बारे में बात करेंगे | अगर आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया है तोह प्लीज इस ब्लॉग को शेयर करे और अपने साथ-साथ अपने घर परिवार वालों को,दोस्तों को एवं अपने आस-पास रहने वाले सभी को ध्यान के बारेमें अतः ध्यान के विषेशताओं के बारेमें बतलाकर कर एक खुशहाल जिंदगी प्रदान करें | तब तक के लिए:- 
स्वस्थ रहे,मस्त रहे और तंदुरुस्त रहे 
  







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